लखनऊ/अयोध्या, 10 फरवरी। श्रीरामलला के अपने भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद अब रविवार को प्रदेश के विधायकगण प्रभु के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की पहल पर उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल एवं विधान मण्डल के सदस्यों द्वारा श्री रामलला का दर्शन-पूजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जहां पूरी योगी सरकार प्रभु श्रीराम के मंदिर में नतमस्तक होगी, वहीं नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सदन में विधानसभा अध्यक्ष के निमंत्रण को ठुकरा दिया है।
सीएम योगी सोमवार सीधे अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के नेतृत्व में विधान भवन से सुबह 8 बजे से मंत्रिमंडल के मंत्रीगण एवं विधानमण्डल के सदस्यों को लेकर 10 लग्जरी बस अयोध्या के लिए रवाना होगी। इसकी व्यवस्था परिवहन मंत्री द्वारा विशेष रूप से की गयी है। यात्रा के दौरान बसों में रामधुन बजाई जाएगी।रविवार, 11 फ़रवरी 2024
रामलला के दरबार में विधायकगण आज होंगे नतमस्तक
गुरुवार, 25 जनवरी 2024
मनाया गया हज़रत अली की विलादत पर जस्न
मानी कलां/जौनपुर, थाना खेतासराय क्षेत्र मानी कलां गांव में ईमाम हज़रत अली की विलादात पर खूब जमकर जस्न मनाया गया। समाज सेवी सुल्तान अहमद ने हम सब मुसलमान भाइयों को बताते हुए कि 13 रज़ब की शब को इमाम हज़रत अली मक्का मदीना काबे में पैदा हुए थे। यह शिया समुदाय के पहले ईमाम और सुन्नी समुदाय के चौथे खलीफा हैं। इनका मर्तबा सबसे ऊंचा और आज इनका जन्म दिन है। इस जन्म दिवस पर शिया समुदाय के लोग इकट्ठा होकर उनकी याद महफिल का प्रोग्राम जबरदस्त किया। इस महफ़िल में बहुत दूर दूर से शेरवो शायर बहुत आए। कोई नात से, कोई ग़ज़ल से, कोई मनकतब से, कोई कसीदे से, तो कोई शायरी से मौला अली की शान में अलग अलग तरज में प्रस्तुत किए। शायर एक से एक थे जो उनकी शान में पढ़कर आए हुए सभी लोगों का दिल खुश कर दिए सभी के चेहरों पर खुशियां भर दिए। इस खुशी के मौके पर सभी शायर को एक एक साल भी ठंड से बचने के लिए बाटी गई। यह महफ़िल का प्रोग्राम रात आठ बजे से शुरू हुआ और भोर में चार बजे एक दूसरे के गले खुशी से मिलकर खत्म हुआ। यह जन्म दिवस हर साल इमामबारगाह में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर ज़ैगम अब्बास, कौसर हुसैन रिज़वान अहमद, जौहर अब्बास, मुनौवर अली, परवेज़ आलम, मोहम्मद साकिब, जिशान अहमद, गौहर हुसैन, एकलाख अहमद, मोहम्मद बिल्ला, रफीक अहमद, हाफिज शाहिद आदि अत्याधिक उपस्थित लोग रहे।