आज जमाने के चमक धमक के आगे भारतीय संस्कृति और उसकी जान कविता का मानो विलोपन सा हो रहा है। ऐसे समय पर कविता के क्षेत्र मे आने वाले युवाओ की जितनी भी सराहना किया जाये कम है। रवि यादव प्रितम द्वारा गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर कि गयी कविता भार वर्ष के उन शहिदो को समर्पित है जिनके बलिदान के कारण आज हम आजाद है जैसा शब्द बड़े ही गर्व से कहते है। रवि यादव प्रितम की उस कविता के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करके पूरी कविता सुनी जा सकती है।
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