शनिवार, 26 अगस्त 2023

जहां खुदगर्ज हाकिम हो ,वहां फरियाद क्या करना।

जी हां , एक हिन्दी फिल्म का मशहूर शायरी है कि लिखा परदेश किस्मत मे ,वतन को याद क्या करना। जहां खुदगर्ज हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना। यह करंजा कला के सहायक पंचायत अधिकारी (एस.टी) श्रीमान सुरेन्द्र यादव पर फिट बैठती है। आपको बतादे कि सुरेन्द्र यादव विगत दिनो सिकरारा विकास खण्ड मे बतौर ग्राम विकास अधिकारी पद पर सेवारत थे जहां पर सुरेन्द्र यादव के कृत्यो की कहानी माननीय न्यायालय तक जाकर रूकी है। अपने रसूख के दम पर सुरेन्द्र यादव को पदोन्नति मिली और वे विकास खण्ड सिकरारा से बदल कर विकास खण्ड करंजाकला अंतर्गत सहायक विकास अधिकारी ,एस.टी, बनकर गये और वर्तमान मे करंजा कला का प्रभार सम्भाले है। सुरेन्द्र यादव अपने आप मे बहुत ही ब्यवहार कुशल आदमी है परंतु उनके कृत्यो से मेहनत और ईमानदारी से कार्य करने वाला ब्यक्ति अपने आप मे शर्मसार हो जाता है। प्राप्त सूचना के अनुसार सूचना कार्यकर्ता दीपचन्द यादव द्वारा जिला ग्राम्य विकास संस्थान मे सम्बद्ध ग्राम विकास अधिकारी नितीश मौर्य से सम्बंधित सूचना मांगी गयी है इसके पूर्व नितीश की हकीकत को उजागर करने के  उद्देश्य से जिले से लेकर उच्च अधिकारियो तक तमाम लिखित शिकायत भी दिया गया है। बड़ी मजे कि बात यह है कि शिकायत पत्र के हर आवेदन की लगायी गयी आख्या रिपोर्ट एक दूसरे से पूरी तरह अलग है। आख्या रिपोर्ट को देखकर यह लगता है कि मानो शिकायतकर्ता एक नादान बच्चा है और सम्बंधित अधिकारी उसको भ्रमित करते हुए लालीपोंप का लालच देकर शांत कराने की चेष्ठा कर रहे है। उनकी चेष्ठा करने की सीमा उस समय पार हो गयी जब स्वयं सहायक विकास अधिकारी सुरेन्द्र यादव ने सूचना कार्यकर्ता के मोबाइल पर सम्पर्क करके यह बताया कि ग्राम विकास अधिकरी नितीश मौर्य ने 2हजार रू0 भेजा है शिकायतकर्ता के यह पूछने पर कि आखिर 2हजार रू0 नितीश मौर्य ने किस काम के लिए भेजा है तो श्रीमान सुरेन्द्र यादव ने कहा कि नितीश क्या देगा? यह पैसा हम अपनी तरफ से देना चाहते है, क्योकि जिला प्रशिक्षण अधिकारी बार बार फोन करके प्रकरण को खत्म करने का दबाव बना रहे है। इतना ही नही सहायक विकास अधिकारी सुरेन्द्र यादव ने शिकायत कर्ता को जिला प्रशिक्षण अधिकारी डा. मनीष रघुवंशी की तरफ से चाय पर भी आमंत्रित कर दिया और कहने लगे कि नितीश ठीक-ठाक बढ़ीया लड़का है उसके पास पैसा कहां है? के जबाब मे जब सुरेन्द्र यादव से यह पूछा गया कि आखिर नितीश मौर्य एक ग्राम विकास अधिकारी है उसको सरकार वेतन नही देती है? के जबाब मे सुरेन्द्र यादव ने बताया कि वेतन मिलता है पर उतना मिलता है जितना पीने खाने मे खतम हो जाता है। इस सम्बंध मे जब शिकायतकर्ता से बातचीत कर अग्रीम कार्यवाही जानना चाहा तो उसने एक आख्या रिपार्ट दिखाते हुए बताया कि इस आख्या रिपोर्ट के साथ साथ आख्या मे लगायी गयी दर्जनो आख्या रिपोर्ट को आधार बनाकर रिपोर्ट कर्ताओ को पार्टी बनाते हुए माननीय न्यायालय की शरण लेने पर मजबूर होगे शिकायत कर्ता ने बताया कि आखिर वह कौन सा फायदा है जिसके लिए नितीश मौर्य विकास खण्ड धर्मापुर से अपनी पत्नी को फर्जी बिमार बताकर जिला प्रशिक्षण संस्थान मे सम्बद्ध हुए इतना ही नही इस सम्बंद्धता के लिए नितीश ने माननीय विधायक एवं मंत्री दोनो का हस्ताक्षर एक ही संयुक्त लेटर पैड परकरवा लिया, इतना ही नही पिछले 46 महिने से नितीश मौर्य जिला प्रशिक्षण संथान पर सम्बंद्ध है यह अपने आप मे काबिले तारीफ है। शिकायत कर्ता से जब यह पूछा गया कि आखिर इस प्रकरण को किस नजरिये से देखते है के जबाब मे बताया कि

आखिर भरोसा किस पर करे ग्राम विकास अधिकारी की गलत रवैये की शिकायत सहायक विकास अधिकारी से किया जाता है परंतु यहा पर तो वही रिस्वत खोर निकला तो आखिर अब किसी अधिकारी पर भरोसा कैसे किया जा सकता है, अब तो एक मात्र रास्ता और भरोसा है माननीय न्यायालय।
शिकायत कर्ता ने बताया कि सहायक विकास अधिकारी सुरेन्द्र यादव द्वारा कि गयी समस्त बाते आंन रिकार्ड सुरक्षित है जो उपरोक्त समस्त लोगो को माननीय न्यायालय मे दण्डित करवाने के दौरान काम आएगा।                                                         

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